90 मिनट तक टाइगर से आँखे लड़ती रही , डरी नहीं और बचा ली 3 जिंदगियाँ

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एक महिला वनकर्मी करीब डेढ़ घंटे तक दस मीटर की दूरी पर मौजूद बाघ की आँखों में आंख  डालकर खड़ी रही।  इस दौरान बाघ ने उसे घूरा , गुर्राया और फिर दहाड़ा भी लेकिन वह हिली तक नहीं। उसके पीछे खड़े दो मजदूरों ने भी ऐसा ही किया , हालांकि बाद में डर के कारण दोनों को बुखार आ गया। मामला सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की मटकुली झिरिया बीट का है महिला वन रक्षक सुधा धुर्वे के हौसले और समझदारी से तीनों की जान बच गई।

tiger attack


 26 जनवरी को होंगी पुरस्कृत - सुधा के अदम्य साहस और जान पर खेलकर कर्तव्य निर्वाह करने पर एसडीओ लोकेश निरापुरे ने पुरस्कृत करने का प्रस्ताव फील्ड ऑफिसर के माध्यम से वरिष्ठ कार्यालय भेजा है गणतंत्र दिवस पर विभाग उन्हें पुरस्कृत करेगा। एसडीओ ने कहा ,प्रशिक्षण में दिए गए टिप्स का उपयोग कर सुधा दोनों श्रमिकों को सुरक्षित लेकर लौटी। उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिया।








सुधा की जुबानी:-

मै मंगलवार सुबह दो श्रमिकों के साथ वन्यजीवों की गणना करने जंगल गई थी। घने जंगल में अचानक दस मीटर की दुरी पर बाघ दिखा तो कदम रुक गए। पहले तो दहशत में एकाएक कुछ सूझा नहीं ,ट्रेनिग में सिखाया सबक भी भूल गई ,लेकिन फिर संभली और बाघ की आँखों में आंखे डालकर जड़वत खड़ी रही। दोनों मजदूर अर्जुन और विष्णु को सतर्क कर दिया।
हमे पता था अगर हिले तो समझो जान गई। बाघ गुस्से में हमें घूर रहा था गुर्राया भी और दहाड़ा भी ,लेकिन हम हिले तक नहीं।

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डेढ़ घंटे बाद वह मुड़ा और जंगल में चला गया। ठुठरन भरी सर्दी में भी हम तीनो पसीने से तर थे। मुझे खुद से ज्यादा दोनों श्रमिकों की चिंता थी। लौटने पर अधिकारियों को पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद दोनों श्रमिकों को बुखार आ गया है। 









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